Ad

पीएम किसान योजना -PM Kisan Yojna

सरकार ने बढ़ाई KCC की लिमिट, अब 1 लाख नहीं बल्कि इतना मिलेगा लोन

सरकार ने बढ़ाई KCC की लिमिट, अब 1 लाख नहीं बल्कि इतना मिलेगा लोन

भारत में किसानों की दयनीय हालत के बारे में हम सब जानते हैं और किसानों की जिंदगी को बेहतर करने के लिए सरकार समय-समय पर विभिन्न योजनाएं लाती रहती है। पिछले सालों के दौरान सरकार ने पीएम किसान योजना (PM Kisan Yojna) शुरू की थी जिसमें किसानों को 2000 रुपये की तीन किश्तें दी जाती थीं, यानी कि कुल 6000 रुपये का लाभ दिया जाता था (पीएम किसान योजना की वेबसाइट पर जाकर और जानकारी प्राप्त करें)। वैसे सरकार का मानना है कि किसान अगर खेती में इस्तेमाल होने वाले बेहतर बीज या कृषि उपकरणों का इस्तेमाल करें तो उनकी इनकम बढ़ाई जा सकती है। उसी बात को ध्यान में रखते हुए सरकार ने एक पुरानी किसान योजना को और भी बेहतर बना दिया है। इस योजना के अंतर्गत किसान अब 1 लाख 60 हजार रुपये का लाभ ले सकते हैं और अपनी खेती को बेहतर बना सकते हैं। कौन सी है ये योजना, आइए जानते हैं। इस स्कीम का नाम किसान क्रेडिट कार्ड (Kisan Credit Card) है। वैसे यह स्कीम तो बहुत पहले से चल रही है, जिसमें किसान कम ब्याज़ दरों पर लोन लेते हुए अपनी खेती को बेहतर बना सकते हैं। पहले इस योजना के अंतर्गत बैंक किसानों को 1 लाख रुपये तक का कर्ज ही देते थे, लेकिन अब इस कर्ज की रकम 1 लाख 60 हजार रुपये कर दी गई है। इस तरह से अब किसान अपनी खेती और बेहतर बना पाएंगे और बढ़ती हुई महंगाई के बीच अपनी इनकम भी बढ़ा पाएंगे। ये भी पढ़ें : कृषि सब्सिडी : किसानों को दी जाने वाली विभिन्न प्रकार की वित्तीय सहायता के बारे में जानें अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि लोन पर तो ब्याज बहुत लगता है, तो इसकी चिंता करने की आपको जरूरत नहीं है। क्योंकि, इस स्कीम के अंतर्गत किसानों को सब्सिडी दी जाती है, इसलिए लोन बेहद कम ब्याज दरों पर उपलब्ध कराया जाता है और इसकी ब्याज दर केवल 4 प्रतिशत होती है। साथ ही अगर किसान समय पर अपना कर्ज चुकाते हैं, तो उन्हें इसेंटिव के तौर पर और भी छूट दी जाती है। गौर करने वाली बात है कि किसान क्रेडिट कार्ड योजना की शुरुआत साल 1998 में की गई थी। इस योजना का मकसद किसानों की पहुंच बैंक तक करने की थी। इसके पहले गरीब किसानों को बैंकों से कर्ज लेने में बहुत मशक्कत करनी पड़ती थी, लेकिन फिर भी कइयों को कर्ज नहीं मिल पाता था। पिछले कुछ सालों में किसानों ने केसीसी के माध्यम से लोन उठाया है और अपने जीवन को समृद्ध बनाया है। जैसा कि अब लोन की राशि बढ़ा दी गई है। ऐसे में किसान एक बार फिर से अपनी बेहतरी कि दिशा में बढ़ेंगे।
इस राज्य के 21 लाख किसानों का पीएम किसान सम्मान निधि से गायब हुआ नाम

इस राज्य के 21 लाख किसानों का पीएम किसान सम्मान निधि से गायब हुआ नाम

भारत सरकार लगातार प्रयास कर रही है, कि देश में फसलों का उत्पादन बढ़ाया जा सके। इसके लिए भारत सरकार किसानों को हर संभव सहायता प्रदान करती है ताकि किसान मजबूत रहें और अपना पूरा ध्यान उत्पादन बढ़ाने में फोकस कर सकें। इसी कड़ी में केंद्र सरकार ने एक योजना शुरू की है, जिसे पीएम किसान सम्मान निधि के नाम से जाना जाता है। इस योजना के अंतर्गत सरकार किसानों को हर साल 6 हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान करती है, ताकि किसान आर्थिक मोर्चे पर मजबूती के साथ खड़े रहें। इस योजना के अंतर्गत किसानों को 2-2 हजार रुपये की किस्तों में साल में तीन बार रुपये प्रदान किए जाते हैं। सरकार का मानना है, कि इससे किसान खेती के लिए अपनी जरूरत की चीजें खरीद सकते हैं। इस सहायता से उनके ऊपर पड़ रहे आर्थिक बोझ को कम करने में मदद मिलेगी।


ये भी पढ़ें:
पीएम किसान सम्माननिधि योजना की अगर अभी तक नही आई 11वीं किस्त, तो यहां करें शिकायत
अब इस योजना में फर्जीवाड़े का खुलासा हो रहा है। जहां कई राज्यों में फर्जी किसान इस योजना के लाभार्थी के तौर पर नामित हैं। इसलिए अब सरकार ऐसे फर्जी किसानों पर एक्शन ले रही है, जिन्होंने अपात्र होते हुए इस योजना के माध्यम से सब्सिडी के पैसे लिए हैं। इस प्रकार का सबसे बड़ा फर्जीवाड़ा अभी तक उत्तर प्रदेश में पकड़ में आया हैं, जहां पर लगभग 21 लाख फर्जी किसान इस योजना का लाभ ले रहे थे। सरकार ने ऐसे फर्जी किसानों को चिन्हित करते हुए उनका नाम पीएम किसान सम्मान निधि से काटना शुरू कर दिया है। पीएम किसान सम्मान निधि की 11वीं किस्त जारी करने के बाद सरकार ने जांच में सख्ती कर दी है। जिसके बाद लाभार्थी किसानों को अपना केवाईसी करवाना अनिवार्य हो गया है। इसके साथ ही सरकार बार-बार किसानों का भू-रिकॉर्ड वेरिफिकेशन और बेनिफिशियरी स्टेटस चेक करवा रही है। अगर उपर्युक्त चीजों में कोई भी चीज गलत पाई जाती है तो किसान का नाम अब पीएम किसान सम्मान निधि से हटाया जा रहा है। जिसके बाद किसान को पीएम किसान सम्मान निधि की अगली किस्त नहीं मिलेगी।

(E-KYC) ई-केवाईसी और भूमि रिकॉर्ड वेरिफिकेशन कैसे कराएं

जितने भी किसानों का ई-केवाईसी और भूमि रिकॉर्ड वेरिफिकेशन अभी तक नहीं हुआ है, वो किसान अपने नजदीकी ई-मित्र केंद्र, सीएससी सेंटर या फिर साइबर कैफे में जाकर अपना आवेदन कर सकते हैं। यहां बेहद आसानी से उनका केवाईसी अपडेट कर दिया जाएगा। इसके साथ ही किसान भाई भूमि रिकॉर्ड के वेरिफिकेशन के लिए अपने नजदीकी जिले के कृषि विभाग के कार्यालय में संपर्क कर सकते हैं। वहां अपने जरूरी कागजात देकर सत्यापन करवा सकते है।


ये भी पढ़ें:
अब तक प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से नहीं जुड़े हैं? फौरन करें ये काम

ऐसे किसानों को भेजा जा रहा है नोटिस

ऐसे किसान जो इस योजना के तहत सरकारी सहायता लेने के अपात्र हैं तथा जिन्होंने फर्जी दस्तावेज जमा करके सालाना 6 हजार रुपये प्राप्त किए हैं, ऐसे किसानों की राशि वापस करने का नोटिस भेजा जा रहा है। यदि ऐसे फर्जी किसान समय पर पैसा नहीं लौटाते हैं, तो उन पर कार्यवाही की जाएगी। साथ ही कई बैंकों ने जानकारी पाते ही फर्जी किसानों के बैंक खाते बंद कर दिए हैं।

ऐसे करें पीएम किसान सम्मान निधि योजना का स्टेटस चेक

किसान भाई अपनी पात्रता जानने के लिए पीएम किसान सम्मान निधि योजना की आधिकारिक वेबसाइट pmkisan.gov.in पर जाएं। इस वेबसाइट के होम पेज पर Beneficiary Status का एक विकल्प दिखाई देगा, इस विकल्प पर क्लिक करें। इसके बाद पेज पर अपनी पंजीकरण संख्या दर्ज करें। पंजीकरण संख्या दर्ज करने के बाद अपना रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर दर्ज करें और कैप्चा कोड भरें। उसके बाद आपके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी आएगा, उसे दर्ज करें। ओटीपी दर्ज करने के साथ ही गेट डिटेल पर क्लिक करने के बाद आपका पीएम किसान सम्मान निधि योजना का स्टेटस खुल जाएगा। इस प्रक्रिया से किसान भाई अपना स्टेटस आसानी से चेक कर सकते हैं।
पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त 6 हजार से 8 हजार होने की आशंका है

पीएम किसान सम्मान निधि की किस्त 6 हजार से 8 हजार होने की आशंका है

भारत में पीएम किसान योजना के 1.86 करोड़ लाभार्थी किसान पहले वंचित कर दिया है। सरकार के जरिए किए जाने वाले सत्यापन के अंतर्गत पुनः अपात्र किसानों की जाँच पड़ताल की जा रही है। निरंतर लाभार्थी सूची को बेहतर करने का कार्य चल रहा है। इस वजह से यदि आप भी लाभार्थी हैं, तब आपको सूची में स्वयं का नाम एवं स्टेटस की जाँच करना बेहद जरुरी है। केंद्र सरकार द्वारा लघु एवं सीमांत किसानों के हित में सुचारु प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंदर उच्च स्तर का परिवर्तन होने की आशंका प्रतीत हो रही है। आपको बतादें कि सरकार 1 फरवरी को प्रस्तुत होने वाले बजट में भी सम्मान निधि की धनराशि में बढ़ोत्तरी का अंदाजा लगाया जा रहा है। लेकिन उसके पूर्व 29 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का 'मन की बात' कार्यक्रम प्रसारित होना है। इसके अंतर्गत किसान व कृषि से संबंधित लोगों हेतु बड़ी सूचना हो सकती है। हम यह कह सकते हैं, कि देश के किसानों को सरकार से बेहद आसा है। पीएम किसान योजना की 13 वीं किस्त आने से पूर्व सरकार की सूचना स्पष्ट हो जाएगी।
ये भी देखें: जानें पीएम किसान योजना जी 13 वीं किस्त कब तक आएगी
हालाँकि, वर्तमान में लाभार्थी सूची के अंदर बड़ा परिवर्तन होने की संभावना खबरों के जरिए से सुनने को मिल रही हैं। बतादें, कि बड़ी तादात में किसानों द्वारा ई-केवाईसी (E-KYC) एवं भूआलेखों का सत्यापन नहीं कराया है। राज्य सरकारों द्वारा 13 वीं किस्त भेजने से पूर्व दोनों प्रमाणीकरण विधि को पूर्ण कराने हेतु निर्देश जारी किए गए हैं। निरंतर, यह बात खबरों के माध्यम से प्राप्त हो रही है, कि जिन किसानों ने अभी तक सत्यापन की प्रक्रिया को पूर्ण नहीं किया है। उस स्थिति में ऐसे किसानों को लाभार्थी सूची से वंचित किया जा सकता है।

किसान पीएम किसान योजना के लिए लाभार्थी सूची की जाँच अवश्य करें

निरंतरता से किसानों के ई-केवाईसी एवं भूआलेखों के सत्यापन की प्रक्रिया तीव्रता से चल रही है। योजना हेतु पात्र किसानों का स्टेटस संशोधित होने का कार्य चल रहा है। वहीं, अपात्र-लाभार्थियों की जाँच होते ही उनका नाम सूची से हटा दिया जा रहा है। अगर आपने भी हाल ही में प्रमाणीकरण की प्रक्रिया पूर्ण की है। तो आपको अपना नाम लाभार्थी सूची में देख लेना चाहिए।
  • आप सर्वप्रथम pmkisan.gov.in पर विजिट करें।
  • होम पेज उपलब्ध Farmers Corner के विभाग पर पहुँचे।
  • आपको यहां Beneficiary Status के विकल्प पर क्लिक करना है ।
  • जो आपका पंजीकृत मोबाइल नंबर अथवा पंजीयन नंबर डालकर किसान भाई सूची में स्वयं के नाम की जाँच कर सकते हैं।

किसान सूची में नाम परिवर्तन की जानकारी हेतु क्या करें

बहुत बार ई-केवाईसी (E-KYC) एवं भुआलेख प्रमाणीकरण के उपरांत भी किसान का नाम सूची में अपडेट नहीं हो पाया है। उस परिस्थिति में इस तरह की तकनीकी कमियों को ठीक करने हेतु हेल्प डेस्क से संपर्क किया जा सकता है। कृषि मंत्रालय द्वारा किसानों हेतु हेल्पलाइन नंबर भी लागू किए गए हैं। यदि किसान चाहें तो 1551261 या 1800115526 या 011-23381092 पर भी कॉल कर स्वयं की शंका का निराकरण प्राप्त कर सकते हैं। किसान स्वयं की दिक्क्त परेशानी को pmkisan-ict@gov.in पर लिखकर भी मेल किया जा सकता है।

किसानों को पीएम योजना की किस्त 8,000 रुपये होने की बात सच या झूंठ

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना के अंतर्गत लाभार्थी किसानों के बैंक खाते में वार्षिक 6,000 रुपये की धनराशि आर्थिक सहायता के अनुरूप हस्तांतरित की जाती है। सरकार द्वारा इस धनराशि दो-दो हजार रुपये की तीन किस्तों में किसानों को भेजी जाती है। वर्तमान में 1 फरवरी को प्रस्तुत होने वाले बजट से पूर्व आशंका लगाई जा रही हैं, कि यह धनराशि 6,000 रुपये से वृद्धि होकर 8,000 रुपये तक होने की संभावना है। यह इस वजह से भी मुमकिन है, कि जांच पड़ताल के अंतर्गत बहुत सारे अपात्र लोग गलत रूप से पीएम किसान की किस्तें प्राप्त कर रहे थे।
ये भी देखें: पीएम किसान सम्मान निधि : उत्तर प्रदेश में 21 लाख किसान अपात्र, अगली किस्त में हो सकती है देरी
अब उनको सूची से बाहर कर दिया है। लाभार्थियों के सत्यापन के चलते अपात्र किसानों की पहचान करके उनको योजना से वंचित किया जा रहा है। नतीजतन, संभावना है, कि योजना के बजट में अतिरक्त वृद्धि करके किसानों को मिल रही आर्थिक सहायता की धनराशि में भी बढ़ोत्तरी करदी जाएगी। हालांकि, फिलहाल आधिकारिक तौर पर इस प्रकार की कोई भी सूचना जारी नहीं हुई है।
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत बिहार में निरस्त किए जा रहे हैं आवेदन, जानें कहीं लिस्ट में आपका नाम तो शामिल नहीं

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत बिहार में निरस्त किए जा रहे हैं आवेदन, जानें कहीं लिस्ट में आपका नाम तो शामिल नहीं

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत किसानों को आर्थिक मदद दी जाती है। इस योजना के तहत 12वीं किस्त किसानों को दी जा चुकी है। अब किसान 13 वीं किस्त का इंतज़ार कर रहे हैं। यह किस्त अभी तक किसानों के खाते में नहीं पहुंची है। किसानों द्वारा दिए गए आवेदन में गड़बड़ी होने के कारण राज्य की तरफ से ऐसा किया जा रहा है। अब सभी राज्य किसानों की पात्रता और पात्रता की जांच कर रहे हैं। आंकड़ों की मानें तो पात्रता के आधार पर करोड़ों किसान इस योजना से बाहर होने की लिस्ट में शामिल हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, झारखंड समेत सभी राज्यों में किसानों की जांच जारी है। बिहार की सरकार ने भी जांच के बाद कुछ किसानों को लिस्ट से बाहर कर दिया है।

बिहार के अररिया में योजना की लिस्ट से बाहर किए गए हैं किसान

बिहार के अररिया मैं काफी ज्यादा संख्या में किसान
प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत लाभ उठा रहे थे। लेकिन अब उनका आवेदन निरस्त कर दिया गया है। यहां पर जमीन एक ही सदस्य के नाम पर थी और उसी जमीन पर कई लोगों ने आवेदन दिया था। काफी किसान परेशान हैं और अपनी पात्रता को सही बताने के लिए ऑनलाइन केंद्र और कृषि विभाग के चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन यहां पर कृषि विभाग के अधिकारियों ने एकदम स्पष्ट कर दिया है, कि जब तक ईकेवाईसी और बाकी की प्रक्रिया पूरी नहीं होगी। तब तक किसानों के खाते में पैसा नहीं भेजा जाएगा।

लाखों किसानों के आवेदन हो गए हैं रिजेक्ट

आंकड़ों की मानें तो 4.49 लाख में से 1.11 लाख आवेदन रिजेक्ट कर दिए गए हैं। बहुत से किसानों के आवेदन की जांच करने के बाद राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है। केवल पूरी तरह से पात्रता रखने वाले किसानों को ही अब यह किस्त जारी की जाएगी। बाकी सब के आवेदन को सरकार की तरफ से निरस्त कर दिया गया है।
ये भी देखें: इस राज्य के 21 लाख किसानों का पीएम किसान सम्मान निधि से गायब हुआ नाम

क्यों किए जा रहे हैं आवेदन निरस्त

अधिकारियों से हुई बातचीत में पता चला है, कि किसानों ने जमीन से जुड़े हुए कागजात सही ढंग से जमा नहीं किए हैं। बहुत सी जगह पर जमीन केवल एक व्यक्ति के नाम पर है और उसी जमीन के आधार पर बाकी कई लोग प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि से लाभ ले रहे हैं। अधिकारियों ने इस तरह के मामलों में आवेदन को फर्जी मानते हुए उसे पूरी तरह से निरस्त कर दिया है। इसके अलावा अधिकारियों की तरफ से यह जानकारी भी दी गई है, कि बहुत से किसानों ने कई तरह की डिटेल सही ढंग से जमा नहीं करवाई है।
3 लाख किसान महिलाओं के खाते में 54,000 करोड़ रुपये भेज किया आर्थिक सशक्तिकरण

3 लाख किसान महिलाओं के खाते में 54,000 करोड़ रुपये भेज किया आर्थिक सशक्तिकरण

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने पीएम किसान योजना के अंतर्गत महिलाओं की हिस्सेदारी के विषय में चर्चा की है। उनका कहना है कि भारत की लगभग 3 लाख महिला किसानों को 54,000 करोड़ रुपये डीबीटी के जरिए हस्तांतरित कर दिए गए हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बजट सत्र-2023-24 के शुभारंभ में अपने एक संबोधन में बताया था, कि भारत के 11 करोड़ छोटे किसानों को सरकार प्राथमिकता दे रही है। जो दशकों से लाभ से दूर थे। इन किसानों का सशक्तिकरण किया जा रहा है। जिससे कि वह मजबूत हो सकें। 

देश की 3 लाख महिला किसानों को दिया फायदा

प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना को दिसंबर 2018 में जारी किया गया था। परंतु, फरवरी 2019 से ही सम्मान निधि की किस्तों का अंतरण शुरू हुआ है। इस योजना के लाभार्थी किसानों को सरकार वार्षिक 6,000 रुपये की आर्थिक सहायक धनराशि प्रदान करेगी। यह धनराशि दो-दो हजार रुपये की 3 किस्तों के अंदर प्रत्येक चार माह की समयावधि में सीधे किसानों के बैंक खाते में हस्तांतरित कर दी जाती है। अब तक 2.25 लाख करोड़ रुपये किसानों को प्राप्त हो गए हैं। इन लाभार्थियों के अंदर 3 लाख महिला किसान भी शम्मिलित हैं, जिनको 54,000 करोड़ रुपये की आर्थिक मदद दी जा चुकी है।

सरकार द्वारा चलाईं गई किसान हित में योजनाएं

अपने संबोधन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बताया है, कि केंद्र सरकार की तरफ से किसानों के हित में विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं। इस योजना के अंतर्गत किसान क्रेडिट कार्ड, प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, मृदा स्वास्थ्य कार्ड शामिल हैं। इन समस्त योजनाओं का लाभ पशुपालकों एवं मछली पालकों को भी दिया जा रहा है। नतीजतन, इसकी वजह से छोटे किसानों को भी बल मिल पाएगा। इनको और भी ज्यादा मजबूती प्रदान करने के लिए किसान उत्पादन संगठनों के गठन से लेकर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने तक का निर्णय लिया गया है। 

ये भी देखें: PM किसान योजना की किस्त पाने के लिए ज़रूरी हैं ये दस्तावेज अपलोड करना

जानें पहली किस्त से बारहवीं किस्त तक का ब्यौरा

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने यह भी कहा है, कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना की प्रथम किस्त के समय 3.16 करोड़ लाभार्थियों को फायदा हुआ था। वहीं दूजी किस्त में 6.63 करोड़, तीसरी किस्त में 8.76 करोड़, चौथी किस्त में 8.96 करोड़, पांचवी किस्त 10.49 करोड़, छंटवी किस्त में 10.23 करोड़, सातवीं किस्त में 10.23 करोड़, आठवीं किस्त में 11.16 करोड़, नौंवी किस्त में 11.19 करोड़, दसवीं किस्त में 11.16 करोड़, 11वीं किस्त में 11.27 करोड़ और 12वीं किस्त में 8.99 करोड़ रुपये के लगभग सहायक धनराशि अंतरित करदी गई है। राष्ट्रपति मुर्मू जी का कहना है, कि पीएम किसान एक केंद्रीय योजना है, जो केंद्र सरकार द्वारा 100 फीसद वित्त पोषित हैं। इस योजना हेतु राज्य सरकारें एवं केंद्रशासित प्रदेश प्रशासन ऐसे किसान परिवारों की जाँच करते हैं, जो कि योजना के नियम के आधार पर मदद के पात्रता रखते हैं।